दिल की गहराई से निकले शब्दों में कहूं तो स्टार्टअप एक बिजनेस है और बिजनेस तड़प और जुनून का दूसरा नाम है। कल्पना कीजिए... गलते हुए नासूर, बहती हुई पीप और दर्द से मचलते हुए शरीर से करहाने की आवाज़ें। लेकिन दूर तक कोई सुनने वाला ना हो सिर्फ आप और आपका विश्वास ही आपके साथ हो। और अगर जुनून बाकी है तो वो विश्वास को तब तक खोने नहीं देगा जब तक आप एक यादगार सफल अंजाम तक न पहुंच जाएं।
ठीक इसी तरह एक जुनून को थामे एक साल चार महीनें की यादगार सफल यात्रा तय की है Stylemaar ने। एक ऐसी फुटवियर ब्रैंड स्टार्टअप जो घर के एक कमरे में बैठे हुए 1 सितंबर 2015 को मैंने और मेरे सीनियर पार्टनर ने शुरू की। मैं और सीनियर पार्टनर नौकरी छोड़कर आ गए लेकिन इनवेस्टर से कैसे फंड लिया जाता है, कैसे बात करनी है, कैसे होगा पैसों का इंतजाम कुछ नहीं पता था। दोनों ने अपने - अपने अकाउंट खाली कर दिए लेकिन शुरू करके ही माने।
शुरूआती डेढ़ महीनें में करीब 1 लाख रुपए सेल तो करली थी पर तीसरे महीनें सारी हवा निकल गई। मतलब निराशा हुई लेकिन आत्मविश्वास और उम्मीद कम नहीं हुई थी। सेल कैसे हो कैसे आगे बढ़ा जाए इसी आस में Stylemaar घर के 10 बाय 10 के कमरे से निकल कर 25 दिसंबर 2015 को दिल्ली की एक मशहूर मार्केट में 10 बाय 10 के कमरे के ऑफिस तक पहुंच चुका था। लेकिन 20 हजार से ऊपर महीने की सेल नहीं दे पा रहे थे। बचा हुआ फंड खत्म होने वाला था। मार्च आया, होली निकल गई लेकिन हमारी दिवाली आने का नाम नहीं ले रही थी। फंड इतना ही बचा था कि रेंट के ऑफिस में दो महीना ही टिका जा सकता था। मई आ गया। इसी महीने में आत्मविश्वास को झटका लगा था। यही वो वक्त था। रिसर्च काम आनी थी। हमने मिलकर जो रिसर्च की उसके नतीजे को देखकर 10 बाय 10 के कमरे को ब्रैंड स्टोर बना दिया। लेकिन तब तक फंड काफी खर्च हो चुका था। इतना फंड नहीं था कि स्टोर में बुलाकर कस्टुमर को बेच सकें। इसलिए स्टोर के बाहर केनओपी लगाई और कस्टुमर को "Stylemaar" फुटवियर के बारे में ब्रीफ करते हुए माल सेल करना शुरू किया, उपभोक्ताओं से ज्यादा से ज्यदा कम्यूनिकेट किया। देखते ही देखते मेला सा लगने लगा। सेल बढ़ने लगी। एक माह में ही अॉफिस ने स्टोर की शक्ल लेली। इस तरह "Stylemaar" फुटवियर स्टार्टअप ने एक बिजनेस का रूप लिया और फिर उपभोक्ताओं के दिलों में जगह बनाई। इस बार हमारी दिवाली आई। करीबन 2 लाख प्रति माह के सेल टारगेट पर पहुंचा। इस बार हमने नहीं बल्कि उपभोक्ताओं ने टारगेट अचीव किया था।
"Stylemaar" एक रिसर्च बेस्ड कॉंसेप्ट है जो रिसर्च कहती है कि देश के बाजार में 70 प्रतिशत बायर (खरीदार) मिडिल क्लास और लोअर मिडिल क्लास तबके से आते हैं और इनके पास बहुत ज्यादा महंगी वस्तुएं खरीदने के लिए पर्चेसिंग पावर (Purchasing Power) नहीं होती इसलिए सस्ती लेकिन टिकाऊ वस्तुएं सबसे ज्यादा बार बार यही लोग खरीदते हैं। फुटवियर के क्षेत्र में देखा जाए तो नामी ब्रैंड का सुंदर, सस्ता, टिकाऊ जूता या चप्पल लेने जाने पर एक झटके में कम से कम 2000 ठंडे हो जाते हैं। इसलिए मजबूरन देश के 70 प्रतिशत बायर को कई बार Reebok की जगह पर Reeboke और Adidas की जगह Abibas से काम चलाना पड़ता है।
वहीं रिसर्च का दूसरा पहलू ये भी है कि ई-कॉमर्स आगे जरूर है और बढ़ रहा है लेकिन फुटवियर को अॉनलाइन सेल कर पाना देश के ई-कॉमर्स बाजार के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। साइज, कलर और कम्फर्ट लेवल को देखते हुए फुटवियर की खरीद ऑनलाइन प्लेटफॉर्मों से महज 8 प्रतिशत ही होती है बाकी 92 फीसदी फुटवियर खरीदारी रीटेल बाजार से होती है। इसके अलावा भारत चीन के बाद फुटवियर की दूसरी सबसे बड़ी मार्केट है। वर्मातमान में फुटवियर मार्केट 25 हजार करोड़ की है और अनुमान है कि भारत का फुटवियर बाजार 25 हजार करोड़ से बढ़कर 2021 तक 50 हजार करोड़ का हो सकता है।
"Stylemaar" तर्क में तो पहले ही आगे हो गया था और जिस तेजी से ये उपभोक्ताओं के दिलों की पसंद बन रहा है उसे देखने के बाद भविष्य में मैं ये देखना चाहता हूं कि कुछ सालों में ये देश के बड़े ब्रैंड्स के खिलाफ चुनौती के मैदान में बल्लेबाजी करेगा।
"Stylemaar" को बहुत दूर तक का सफर तय करना है चाहे मैं अब साथ हूं या नहीं। मैं "Stylemaar" को ऐसी स्टेज पर छोड़ रहा हूं जिसको एक लाइन परिभाषित किया जा सकता है कि "Above Failure and Near To Success"
जिन हाथों में इसे सौंपा है उन पर विश्वास है कि अगली बार दूर से ऊंचाइयों की ओर देखूं तो "Stylemaar" के लिए ये लाइन सिमटकर एक शब्द रह जाएगी- "Successful"।
इस यात्रा में "Stylemaar" को आगे बढ़ाने की कोशिशों में मैंने एक उम्मीद छोड़ी थी जिसको बड़े भाई अंकित और कुछ दुश्मनों ने तबाह करने की कोशिश की लेकिन आज फिर 3 साल बाद मैंने दूसरा जन्म लिया है।
बचपन से इंजीनियर हूं, साइंटिस्ट की तरह सोचता हूं, अब हर साल दिवाली आएगी स्टाइलमार- द कैटामाउंट रीबूट - द नेवर एंडिंग जर्नी बन चुकी है।
माई प्रीवियस इंपलोइज-
शेख सोहेल, फिरोज अहमद सिद्दिकी, परमवीर सिंह, सलतनत प्लाजा शोपकीपर ओखला मार्केट, प्रणव शर्मा, मोनू कुमार इंटर्न, विक्की शर्मा, अभिशेक चोटाला सीए इंटर्न, <फ्रांचाइस इंडिया- वाइस प्रसीडेंट वंदना एंड रवि (IIM Ahmdabad) hired in 1 lac>, Consultant - Akash Tyagi, Rashi, Graphic Design printing Solution Owner. प्रशांत झां इंटर्न डवलपर, <मोहम्मद फैजान वेब डवलपर on 58 thousand>, Amit Panday- Freelancer
Business Retail corporate partners
Wonderchef - Sanjeev Kapoor
Singer
Philips
Cello
Zummo Span
Optima Watches
Fuji film
Videocon mobile
etc.
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Clients:
Bestech Real Estate and Hotel etc.
Market size of Stylemaar till 2017 June Month - Lajpatnagar, Bhogal, Jangpura, Ashram, Maharani bagh, Okhla, Bangalore, Mumbai, Rajasthan, Gujurat, Hariyana. (South Delhi - Total Unique customers traditional - 3000)
Benefit for customers: Low-cost brand with replacement guarantee on Bill.
Previous Valuation of Stylemaar - 24 Lacs INR
The current Valuation of Stylemaar The Catamount Reboot is 88 Trillion Dollars.
Current Situation: No profit No Loss.
Current Employees:
Aditya Birla group - Free
Aditi Pathak
FreeTotal Active Girls on online platforms Free
प्रीवियस एंजल इनवेस्टर्स :
HBD, Anil Kumar Amrohi, Rajsheker Sriker, Nirmala Rana
Amount Invested: Seed Fund
Nirmala Rana - 2 Lacs
Anil Kumar Amrohi- 2 Lacs+HDFC - 1 Lacs+Rajshekher > 40000 + Emergency Fund 30000+30000+ 7% Interest Profit.
Sales Average Turnover After Demononitisaion: 24 Lacs
No Profit/No Loss (Net Profit)
Founder - Neel Kumar Rana (Anil Kumar Amrohi)