Thursday, August 19, 2010
"राष्ट्रमंडल खेल को तीस हजार वोलिन्टीयर्स बनायेगें सफ़ल" ........एक सकारात्मक नजर राष्ट्र-मंडल खेलो कि ओर ......
तीस हजार वोलिन्टीयर्स के हाथो मे है राष्ट्रमंडल खेलो को सफ़ल बनाने की डोर। जहा आज कल राष्ट्रमंडल खेलो में भारी भरकम नोटो के घोटाले की बात चारो तरफ़ गून्ज रही है वही इन खेलो को सफ़ल बनाने में हजारो लोग पूरी मेहनत कर रहे है और करेगें उनमे से ये तीस हजार वोलिन्टीयर्स पूरी दुनिया के सामने अपने काम और व्यवहार के द्वारा भारत की एक अच्छि छवि को बनाने की भरपूर कोशिस करेगें... और उनको अच्छे व्यवहार और कम्यूनिकैसन की ट्रैनिन्ग देने का जिम्मा अयोजन कमेटी के साथ मिलकर कुछ ही सालो में शिक्षा के क्षेत्र में अपना नाम कमा चुकी जानीमानी यूनिवरसिटी एमिटी (नोएडा में स्थित है) ने उठाया है।
एमिटी में पढने वाले छात्रो से पुछने पर ये मालूम हुआ की एमिटी यूनिवरसिटी रोजाना लगभग 600 - 700 को वोलिन्टीयर्स ट्रैन कर रही है...और अभी तक अधे से ज्यादा वोलिन्टीयर्स को ट्रैन किया जा चुका है उम्मीद है की सितम्बर की आखरी तक सब को ट्रैन कर दिया जायेगा। और इसके लिये वोलिन्टीयर्स को स्टैडीयम का अन्दाजा कराने के लिये आर्मी परेड ग्राऊन्ड को नेहरु स्टैडीयम के ढांचे में तब्दील करने की पूरी कोशिस की गयी है जिससे वोलिन्टीयर्स ये अन्दाजा हो जाये कि कंहा पर कोन सा गेट होगा और कंहा से एन्ट्री होगी और कंहा से बाहर जाने का रसता होगा..इसके साथ ये भी बताया जा राहा है कि कंहा पर कन्ट्रोल रूम होगा... यहा तक की नेहरू स्टैडीयम में जैसा स्टैज होगा बिल्कुल वैसा ही स्टैज आर्मी परेड ग्राऊन्ड में भी तैयार किया गया है। सभी अर्टिस्ट जो वहा पर परफ़ोर्म करेगें और वोलिन्टीयर्स को लोकेसन का अन्दाजा कराया जा रहा है। इन कोशिसो को देख कर तो ऐसा लगता हे राष्ट्रमंडल खेल सफ़ल होके ही रहगें। ट्रैनरो और अयोजन कमेटी के मुताबिक वोलिन्टीयर्स के लिये सात लाख से साढे सात लाख के करीब फ़ोर्म्स आये थे जिनमे से तीस हजार छात्र ही चुने गये.. ऐसे मे लगता की छात्र चुने गये बड़े होनहार हे जो अपनी महनत से हमारे देश की धुन्धली छवि को साफ़ सूथरी तस्वीर में बदल देगें।.... .
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